| शब्द का अर्थ | 
					
				| पाशी (शिन्)					 : | वि० [सं० पाश+इनि] १. जो अपने पास पाश या फंदा पखता हो। पाशवाला। पुं० १. वरुण देवता। २. यम। ३. बहेलिया। ४. अपराधियों के गले में फँदा या फाँसी लगाकर उन्हें प्राण-दंड देनेवाला व्यक्ति, जो पहले प्रायः चांडाल हुआ करता था। स्त्री० [फा०] १. जल या तरल पदार्थ छिड़कने की क्रिया या भाव। जैसे—गुलाब-पाशी। २. खेत आदि को जल से सींचने की क्रिया। जैसे—आब-पाशी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| पाशी (शिन्)					 : | वि० [सं० पाश+इनि] १. जो अपने पास पाश या फंदा पखता हो। पाशवाला। पुं० १. वरुण देवता। २. यम। ३. बहेलिया। ४. अपराधियों के गले में फँदा या फाँसी लगाकर उन्हें प्राण-दंड देनेवाला व्यक्ति, जो पहले प्रायः चांडाल हुआ करता था। स्त्री० [फा०] १. जल या तरल पदार्थ छिड़कने की क्रिया या भाव। जैसे—गुलाब-पाशी। २. खेत आदि को जल से सींचने की क्रिया। जैसे—आब-पाशी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |